2/05/2012

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प्रिय "वाज़ब" परिवार,
कुछ लोगों को विश्वास ही नहीं हो पा रहा है, कि हमारा यह 'बिजनेस मॉडल' कैसे??? इनकम पैदा करेगा व लोगों में बाँटेगा? सामान्यतया ये कुछ सवाल हैं जिनके जवाब सभी जानना चाहते हैं.

1-बिना कोई पैसा माँगे, "वाज़ब", सभी प्री-लॉंच मेंबरों को कैसे लाभ बाँटेगा, जबकि लॉंच के बाद उनको कोई काम भी नहीं करना?
"वाज़ब" दुनिया का पहला 'फ्री' प्रॉफिट शेरिंग प्रोग्राम है. बजाए की वो लॉंच के बाद खुद को प्रोमोट करने के लिए ढेर सारे डॉलर खर्च करे, उसने अपने लाभ को अपने प्री-लॉंच मेंबरों को देना ज़्यादा उचित माना है. बस उनको दो बातों का ध्यान रखना है...एक तो यह कि उसके अपने 'वाज़ब-ग्रुप' में कम से कम तीन मेंबर हों, और दूसरा, वो लॉंच के बाद अपना व अपनी टीम का होम-पेज सेट करें व करवाएँ रखें.
"वाज़ब" अपने लाभ का आधा अपने प्री-लॉंच मेंबरों में बाँटेगा. लाभ कम तो कम, ज़्यादा, तो ज़्यादा बाँटेगा.
और ज़्यादा लाभ हुआ तो उतना ही ज़्यादा बाँटेगा. वाज़ब को अपने कम लाभ पर ज़्यादा बाँटने का भार भी नहीं है.
ज़्यादातर बिजनेसों में यह होता है कि मेंबरों को हर महीने अपनी इनकम लेने के लिए मेंबरशिप फीस देनी होती है या हर महीने कुछ खर्च करना या खरीदना पड़ता है. और टॉप-लीडर पैसा बनाते हैं, अपनी डाउन-लाइन के पैसों से, ना कि किसी "वास्तविक-बिजनेस" से.
वाज़ब एकदम अलग है. यहाँ ऐसी कोई ज़बरदस्ती नहीं है. यहाँ सिर्फ़ वाज़ब का होम-पेज सेट करना होगा, बस ! वैसे ही जैसे कि आप गूगल का सर्च इंजन काम में लेते हैं, या फ्री का फेसबुक का अकाउंट खोलते हैं.
वाज़ब अपने वास्तविक बिजनेस से कमाकर अपने मेंबरों को अपने लाभ का आधा बाँटेगा. यह कमाई होगी अपने मेंबरों के होम-पेज पर लगने वाले एड [प्रचारों] से, ठीक वैसे ही जैसे बाकी अन्य कई वेब-साइटों की तरह. सारे प्री-लॉंच मेंबर चाहेंगे कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग जुड़ें और वाज़ब की फ्री सर्विस काम में लें ताकि उनकी आय बढ़े. वो लॉंच के बाद भी 'वाज़ब' को फैलाने से नहीं रुकने वाले. वाज़ब जितना ज़्यादा फैलता जाएगा, उनकी आय बढ़ती जाएगी.
2- एक़ करोड़ प्री-लॉंच मेंबरों के जुड़ने के बाद भी कोई समस्या नहीं होगी, क्यों?
विश्व में आज 200 करोड़ से भी ज़्यादा लोग इंटरनेट पर हैं. बड़े खिलाड़ी जैसे गूगल व फेसबुक पर हर महीने 100 करोड़ लोग ही आते हैं. 'वाज़ब' की आधारभूत गणना [1$ लाभ प्रति $ फॅक्टर] इस आधार पर है: 10 X प्रत्येक प्री-लॉंच मेंबर.
यदि प्री-लॉंच में हमारे 1 करोड़ मेंबर होते हैं तो हमारा लक्ष्य होगा कि हम हर महीने 10 करोड़ नये लोगों तक पहुँचें, जो केवल 5% होगा उन लोगों का जो इंटरनेट पर हैं तथा बड़े खिलाड़ियों की तुलना में बहुत ही कम. यानि यह तब भी संभव है जब 95% इंटरनेट उपभोक्ताओं ने वाज़ब के बारे में अभी सुना ही ना हो. और यह भी निश्चित है कि इस संख्या तक पहुँचना कठिन है तो संभव भी है, जब 1 करोड़ प्री-लॉंच मेंबरों की फ़ौज़ हो
3- जो लोग प्री-लॉंच ख़त्म होते समय जुड़ेंगे, उनके लिए भी इनकम का कोई चांस है?
कुछ लोग कहते हैं कि यह सही नहीं है, कुछ पिरामिड कहते हैं, जब प्री-लॉंच की बात होती है. उनका कहना है कि जो लोग प्री-लॉंच के आख़िर में जुड़ेंगे और जिनका अपना 3 लोगों का ग्रुप भी नहीं बन पाएगा, ऐसे बहुत से लोग होंगे, उनका क्या?
पर इसका भी जवाब है. उन लोगों के पास प्री-लॉंच के बंद होने के बाद 3 हफ्ते का समय होगा ताकि वे अपना $ फॅक्टर [कम से कम 3$ फॅक्टर] बढ़ा सकें. यानि प्री-लॉंच के ख़त्म होने के बाद नये मेंबर तो नहीं बन सकेंगे पर, $ फॅक्टर बढ़ाने का यह समय मिलेगा.
और ज़रा सोचो कि इन 3 हफ्तों में कितने नये लोग और जुड़ेंगे जब उनको "वाज़ब" के नये होम-पेज के साथ इस बारे में बताया जाएगा. ये 3हफ्ते आपको अपनी इनकम को और ज़्यादा करने का आख़िरी मौका होगा. अब आप ही बताओ कि साफ-सुथरा मौका है कि नहीं, या क्या इससे भी ज़्यादा साफ-सुथरा सिस्टम सुना है कि कहीं है?
4- लॉंच के बाद 1$ प्रति $ फॅक्टर मिलेगा, इसकी वास्तविकता कितनी है?
ईमानदारी से कहा जाए तो अप्रेल में इतना होना शायद संभव ना हो. हम अपना 'बीटा' लॉंच 9अप्रेल को करेंगे, जिसमें की तरह की समस्याएँ होंगीं, जिनको ठीक किया जाएगा. मई व जून हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे, जिसमें हम अपने सिस्टम को अच्छा तो करेंगे ही, साथ ही साथ अपने उपभोक्ताओं की चाहत की कई चीज़ें और जोड़ेंगे. जुलाई को हम मान रहे हैं कि हम 1$ प्रति $ फॅक्टर पर पहुँच जाएँगे.
आइए अब थोड़ा और भविष्य में झाँकें. यह भी होगा कि अगर उनके उपयोग की होगी तो ज़्यादा से ज़्यादा मेंबर हमारी वेबसाइट को अपना 'होम-पेज' के रूप में सेट कर लेंगे... पर इसकी सीमा? 10करोड़? 20करोड़? 50करोड़? 100करोड़?

आइए एक उदाहरण से इसे समझते हैं कि वाज़ब के 50लाख प्री-लॉंच मेंबर हैं और 5 साल बाद 50 करोड़ लोग हमारी सेवाएँ इस्तेमाल कर रहे होंगे. यानि उस समय 1$ फॅक्टर 10$ के बराबर होगा. यानि कोई प्री-लॉंच मेंबर ने कम से कम वाला 3$ फॅक्टर का आँकड़ा भी पार कर लिया होगा तो वो उस समय 30$ हर माह पा रहा होगा. [यानि उसने इतना किया कि वो प्री-लॉंच में केवल 3लोगों को ही वाज़ब में ला सका था, 5 साल पहले] यह भी हो सकता है कि हम वहाँ तक ना पहुँचें, पर कौन जानता है? गूगल व फेसबुक ने भी इसी तरह बहुत छोटे सेट-अप से शुरुआत की थी और आज बड़े खिलाड़ी बन गये. पर एक बात तय है कि उनमें से किसी ने भी लॉंच के पहले लाखों लोगों को इस तरह से अपनी तरफ नहीं खींचा.link http://signup.wazzub.info/?lrRef=4959b
5- लाखों लोगों के पे-आउट हर महीने को "वाज़ब" कैसे हैंडल करेगा?
वाज़ब अपने मेंबरों के लिए पहले से ही प्रचलित ऑटोमॅटिक पेमेंट के तरीकों को ही इस्तेमाल करेगा. इन प्रचलित तरीकों के लिए सेकड़ों, हज़ारों या लाखों लोगों को ऑटो मॅटिक पे करना कोई बड़ी बात नहीं है.
6- लॉंच के बाद, कोई मेंबर क्यों जुड़ेगा, जबकि उसके कमाने की कोई संभावना नहीं है?
यही सवाल आप फेसबुक के लिए भी कर सकते हैं. क्यों रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा लोग फेसबुक से जुड़ जाते हैं? जबकि वहाँ पहले से ही 80 करोड़ लोग हैं और इस साल के अंत तक 100 करोड़ हो जाएँगे.
और इनमें से किसी को भी फेसबुक से एक पैसा भी नहीं मिलने वाला है, पर फिर भी लोग जाय्न हो रहे हैं. क्यों? क्योंकि फेसबुक उनके लिए उपयोगी है.
वाज़ब भी अपने उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी होगा. सोचो:
अपने अपना इंटरनेट खोला और आप पाते हैं एक शानदार होम-पेज, आपकी रूचि के ताज़ा समाचार, आपके दोस्तों व रिश्तेदारों के संदेश, आपके लिए सबसे बढ़िया "डील्स", आपके पसंदीदा वेबसाइट के लिंक. सोचो कि आपके व्यक्तिगत होम-पेज को इस्तेमाल करने पर कई "बोनस" व "गिफ्ट्स"
9 अप्रेल 2012 लॉंच होने जा रहा है, 'खास' व आपकी पसंदीदा वेबसाइट जिसका पेटेंट-पेंडिंग है.
अगर अब भी आप असहमत हैं, या कोई और अच्छा अवसर आपके पास है तो आपको शुभ-कामनाएँ.
और बाकी दोस्तों के लिए हम कहना चाहेंगे:

वाज़ब परिवार में आपका स्वागत है. आइए हम अपनी शक्ति को जगाएँ !

दिमाग़ में आपकी सफलता लिए हुए,
WAZZUB - The Power of "We"!
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एक अमेरिकन एक हिन्दुस्तानी से बोला- भाई साहब बताइये अगर आपका भारत महान है तो संसार के इतने अविष्कारों में आपके देश का क्या योगदान है?? हिन्दुस्तानी- अरे अमरीकन सुन, संसार की पहली फायरप्रूफ लेडी भारत में हुई, नाम था 'होलिका'- आगमें जलती नही थी. इसीलिए उस वक्त फायर ब्रिगेड चलती नही थी!! संसार की पहली वाटरप्रूफ बिल्डिँग भ...ारत में हुई, नाम था भगवान विष्णु का शेषनाग. काम तो ऐसे जैसे 'विशेषनाग...' दुन...िया के पहले पत्रकार भारत में हुए.. 'नारदजी', जो किसी राजव्यवस्था से नही डरते थे... तीनों लोक की सनसनीखेज रिपोर्टिँग करते थे!! दुनिया के पहले कॉमेन्टेटर 'संजय' हुए जिन्होंने नया इतिहास बनाया.. महाभारत के युद्ध का आँखों देखा हाल अँधे 'धृतराष्ट्र' को उन्ही ने सुनाया!! दादागिरी करना भी दुनिया को हमने सिखाया क्योंकि वर्षों पहले हमारे 'शनिदेव' ने ऐसा आतंक मचाया कि 'हफ्ता' वसूली का रिवाज उन्ही के शिष्यों ने चलाया.. आज भी उनके शिष्य हर शनिवार को आते हैँ ! उनका फोटो दिखाकर हफ्ता ले जाते है !! अमेरिकन बोला दोस्त फालतू की बातें मत बनाओ ! कोई ढंग का आविष्कार हो तो बताओ !! जैसे हमनेइंसान में किडनी प्रत्यारोपित कर दी, बाईपास सर्जरी कर दी इत्यादि. हिन्दुस्तानी बोला- रे अमरीकन, सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया को हमने दिया था ! तू ही बता 'गणेशजी' का ऑपरेशन क्या तेरे बाप ने किया था..?? अमरीकन हड़बड़ाया.. गुस्से में बड़बड़ाया ! देखते ही देखते चलता फिरता नजर आया !!

2/04/2012

sachhae ki jeet hoti hai

हम सभी ने काफी इंतज़ार किया है इससे पता चलता है की हम सभी आर सी एम से कितना प्यार करते हैं . इसी इंतज़ार का फल हमें मिलने वाला है
फ़रवरी का महिना अच्छी खबरों का महिना है
जय आर सी एम
गो डायमंड